वे पदार्थ जिनके विद्युतीय गुण, चालकों तथा अचालकों के बीच होते हैं उन्हें अर्धचालक कहा जाता है, अर्धचालक की चालकता को पदार्थ की क्रिस्टल संरचना में अशुद्धियाँ डालकर संशोधित और नियंत्रित किया जा सकता है। अर्धचालकों के कुछ उदाहरण हैं- सिलिकॉन, जर्मेनियम, गैलियम आर्सेनाइड और इंडियम फॉस्फाइड। सिलिकॉन और गैलियम आर्सेनाइड सबसे अधिक उपयोग किये जाने वाले अर्धचालक हैं।

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अर्धचालकों के कुछ सामान्य उपयोग-

1. इलेक्ट्रॉनिक्स:
माइक्रोप्रोसेसर: कंप्यूटर और स्मार्टफोन में गणनात्मक कठिन कार्य और गणनाएँ संभालने में मदद करते हैं।
मेमोरी चिप्स: इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में डेटा संग्रहीत करने में, अस्थायी आरएएम से स्थायी फ्लैश मेमोरी तक।

2. संचार:
ट्रांजिस्टर: संचार उपकरणों के लिए महत्वपूर्ण होते हैं, विद्युत सिग्नलों को बढ़ावा देने और स्विच करने में मदद करते हैं।
ऑप्टोइलेक्ट्रोनिक्स: आधुनिक ऑप्टिकल नेटवर्क में महत्वपूर्ण कंपोनेंट, फाइबर-ऑप्टिक संचार और लेजर डायोड को सक्षम बनाने में मदद करते हैं।

3. उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स (Consumer Electronics):
एकीकृत परिपथ (ICs): टीवी, गेमिंग कंसोल, और डिजिटल कैमरे जैसे विभिन्न उपकरणों को प्रसंस्करण क्षमता (processing capabilities) से सशक्त बनाने में मदद करते हैं।
डायोड: इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के चार्जर और एडाप्टर में विद्युत ऊर्जा के एसी से डीसी (AC to DC) में परिवर्तन करने में सहायक होते हैं।

4. नवीकरणीय ऊर्जा:
सोलर सेल्स: सूरज की किरणों को विद्युत में बदलने में, फोटोवोल्टेक पैनलों में उपयोग की जाने वाली प्राथमिक तकनीक।
पावर इलेक्ट्रॉनिक्स: नवीकरणीय ऊर्जा सिस्टमों में ऊर्जा परिवर्तन का प्रबंधन और अनुकूलन (Managing and optimizing) करने में मदद करते हैं।

5. ऑटोमोटिव:
ऑटोमोटिव आईसीएस (Automotive ICs): इंजन के कार्यों, सुरक्षा प्रणालियों, और गाड़ी के इंफोटेनमेंट सुविधाओं को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
सेंसर: टायर में दबाव, एयरबैग डिप्लॉयमेंट, और अन्य महत्वपूर्ण वाहन पैरामीटर्स की निगरानी करने में सहायक होते हैं।

6. एयरोस्पेस और रक्षा:
रडार टेक्नोलॉजी: उन्नत रडार प्रणालियों के लिए सेमीकंडक्टर कंपोनेंटों को शामिल किया जाता है।
जीपीएस नेविगेशन: सटीक वैश्विक स्थिति और नेविगेशन के लिए अर्धचालकों का उपयोग किया जाता है।

7. स्वास्थ्य और चिकित्सा उपकरण:
मेडिकल इमेजिंग: डायग्नोस्टिक उद्देश्यों के लिए एक्स-रे और एमआरआई मशीनों में सेमीकंडक्टर सेंसरों का उपयोग किया जाता है।
बायोसेंसर्स: बायोलॉजिकल पदार्थों का पता लगाने और विश्लेषण करने में, चिकित्सा परीक्षण और डायग्नोस्टिक में अत्यावश्यक होते हैं।

8. इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT):
माइक्रोकंट्रोलर: कम विद्युत खपत और दक्षता के साथ आईओटी उपकरणों को नियंत्रित और प्रबंधित करने में सहायक होते हैं।
वायरलेस संचार: विभिन्न आईओटी अनुप्रयोगों में संगत डेटा विनिमय और कनेक्टिविटी में अत्यावश्यक होते हैं।

9. कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI):
जीपीयू: उच्च प्रदर्शन पैरलल कम्प्यूटेशन के माध्यम से एआई प्रशिक्षण और प्रसंस्करण कार्यों की गति बढ़ाने में उपयोगी होते हैं।
न्यूरल नेटवर्क प्रोसेसर: एआई की गणना और न्यूरल नेटवर्क प्रशिक्षण को सुविधाजनक बनाने के लिए विशेष हार्डवेयर बनाने में मदद करते हैं।

10. औद्योगिक अनुप्रयोग:
प्रक्रिया नियंत्रण: सेमीकंडक्टर सेंसरों और चिप्स का उपयोग करके विनिर्माण प्रक्रियाओं की निगरानी और उन्हें नियंत्रित करने में सहायक होते हैं।
मोटर ड्राइव्स: औद्योगिक उपकरणों में मोटर की गति और टॉर्क को नियंत्रित करने के लिए सेमीकंडक्टर उपकरणों का उपयोग किया जाता है।

सेमीकंडक्टर इतना उपयोगी होता है, शायद इसीलिए आज हर देश सेमीकंडक्टर के पीछे भाग रहा है। भारतीय संदर्भ में, सेमीकंडक्टर्स की खपत 2026 तक 80 अरब डॉलर और 2030 तक 110 अरब डॉलर को पार करने की उम्मीद है, इसलिए भारत भी इस दिशा में कदम उठा रहा है।

अर्धचालकों की दिशा में भारत के प्रयास-

  • कैबिनेट ने दिसंबर 2021 में एक पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी। 6 वर्षों में इस योजना पर 100 अरब डॉलर (₹76,000 करोड़) खर्च किये जायेंगे।
  • सितंबर 2022 में, भारतीय कंपनी ‘वेदांता’ और ताइवानी कंपनी ‘फॉक्सकॉन’ ने सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में $19.5 अरब की संयुक्त परियोजना शुरू की थी लेकिन जुलाई 2023 में फॉक्सकॉन इस परियोजना से पीछे हट गया। हालांकि, फॉक्सकॉन एक नए साथी के साथ भारत में एक नई परियोजना शुरू करने की योजना बना रहा है।
  • मई 2023 में भारत सरकार ने सेमीकंडक्टर निर्माता कंपनियों हेतु 100 अरब डॉलर की प्रोत्साहन राशि (incentives) को फिर से शुरू कर दिया।
  • भारत सरकार ने 28 जुलाई से 30 जुलाई तक गांधीनगर, गुजरात में “सेमिकॉन इंडिया 2023” नामक एक मेगा इवेंट का आयोजन किया।
    • इस इवेंट के शीर्ष बिंदु –
      • भारत सरकार ने घोषणा की कि वह निर्माता कंपनियों को ‘50% ऑफर’ देगी।
      • भारत सरकार 300 कॉलेजों में सेमीकंडक्टर शिक्षा शुरू करेगी।
      • अमेरिकी कंपनी AMD ने बेंगलुरु में 5 वर्षों में $400 मिलियन का निवेश करने की घोषणा की।

निष्कर्ष-

भारत पूरी कोशिश कर रहा है कि भारत सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग हब बन सके लेकिन यह भी सच है कि भारत को इसके लिए मुख्य रूप से TSMC, इंटेल जैसे इस क्षेत्र के दिग्गजों से भारी निवेश की आवश्यकता होगी।